Sahara India Big Update : आंदोलनकारियों को दोबारा दिल्ली पुलिस ने किया टार्चर, निवेशक बोले मोदी जी की चाल

Sahara India Delhi Protest, Investors asked their money right back from the central govrment

डेस्क रिपोर्ट, बिजनेस: भारत के लोकतंत्र ने भारत के लोगों को इतने मूल्यवान पदों पर बैठे राजनेताओं के सामने अपनी आवाज उठाने का मौका दिया है, चाहे वह लोकसभा हो, राष्ट्रपति भवन हो, पीएम हाउस हो या सदन हो लेकिन मोदी सरकार में यह व्यवस्था बदली हुई नजर आ रही है क्योकि सहारा निवेशकों की ताजा स्थिति के अनुसार हमारा मानना है कि चुनाव में मोदी सरकार को चुनने के बाद भारत की जनता ने लोकतांत्रिक राष्ट्र को खो दिया है।

Sahara India Delhi Protest, Investors asked their money right back from the central govrment

Sahara India Big Update पहले सहारा ने लुटा अब अमित शाह लूट रहे

आपको बता दे की सहारा इंडिया नामक कंपनी में देश के कई हाथ ठेला वाले, सब्जी बेचने वाले, पेपर बेचने वाले, माध्यम वर्गीय परिवार सहित मजदुर लोगो ने अपना पैसा सहारा इंडिया में निवेश किया था वही निवेश करने की वजह सहारा से अच्छे ब्याज सहित कंपनी पर सरकार के विश्वास के कारण थी क्योकि कंपनी को सरकारी संस्था जैसे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया, मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स, मिनिस्ट्री ऑफ़ कोऑपरेशन जैसी मिनिस्ट्री के लाइसेंस प्राप्त थे।



Sahara India Big Update सहारा इंडिया की इन स्कीमो में लगा निवेशकों का पैसा

सहारा इंडिया में अपनी गाडी कमाई लोगो ने केवल इसी लिए जमा की थी की उनके ख़राब दौर में वह उनको बापस मिल सके परंतु जब सहारा इंडिया पर सन 2013 – 2014 में लीगल दिक्कतों की परेशानी आई थी तो सभी निवेशकों के पैसे को सहारा इंडिया ने Sahara India Housing Corporation Limited से सहारा इंडिया की चार सहकारी समितियों में ट्रांसफर करा दिया था जिसमे मुख्य रूप से Sahara India Credit cooperative lucknow, sahara universal multipurpose society limited bhopal, Hamara india cooperative society kolkata, stars multipurpose cooperative society limited hyderabad में निवेशकों के बिना पूछे ट्रांसफर करा दिया गया था। 

जिस समय यह ट्रांसफर का काला खेल चल रहा था उस समय के कई निवेशकों से हमारी मीडिया टीम ने बातचीत की है वही हुमको यह मालूम चला है की सहारा निवेशकों के बिना सिग्नेचर, बिना इजाजत लिए इन पैसो को ट्रांसफर कराया गया था वही निवेशकों ने इस बात की शिकायत इसलिए नहीं की थी क्योकि कंपनी को सरकार का साथ मिल रहा था, लाखो करोडो रुपयों के बिज्ञापन देश की प्रिंट मीडिया में छा रहे थे वही सबसे बड़ी बात की सहारा क्रिकेट टीम तक को स्पोंसर कर रहा था वही इन स्चेमो में पैसा जमा कराने के लिए अपने भोले भाले कार्यकर्ताओ को भी सहारा ने अच्छे कमिशन का बाड़ा करके चुप करा दिया था जिसमे अब सहारा का फ्रैंचाइज़ी मैनेजर सहित सहारा एजेंट आज तक निवेशकों के पैसे कंपनी की सहकारी शाखाओ में फसाकर बेहद डिप्रेशन भरी जिंदगी जी रहा है वही कई एजेंट तो ऐसे है जो अभी तक सुसाइड भी कर चुके है।

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पहले कंपनी प्रमुख ने लुटा अब सहकारिता मंत्रालय लूट रहा

आपको बता दे की सहारा इंडिया के निवेशक ऐसी स्थिति के बीच बेहद परेशान चल रहे थे क्योकि कोरोना के समय में भी निवेशक को उसका पैसा बापस नहीं मिल रहा था वही सहारा निवेशकों की इस खोती उम्मीद में घी डालने का काम अमित शाह द्वारा एक चुनावी रैल्ली में किया गया जहा पर सहकारिता मंत्री शाह ने निवेशकों से बोला की आप सहारा से जुडी अपनी परेशानी स्पीड पोस्ट से सहकारिता मंत्रालय तक भेजिए और हम आपको आपका पैसा दिलाएंगे जिसके बाद निवेशकों ने इतने आवेदन भेज दिए की सहकारिता मंत्रालय ने भुगतान देने से इंकार कर दिया और कहा की हम पर 10 कमरे भरकर आवेदन जमा हो गये है और अब हम रिफंड नहीं कर सकते है।

अब इसके बाद सहकारिता मंत्री ने 18 बिभागो की बैठक लेकर सहारा इंडिया के निवेशकों के भुगतान के लिए एक बड़ी बैठक करी थी जिसके बाद सहारा रिफंड पोर्टल निकाला गया और उसपर आवेदन करने के लिए कहा गया था जिसपर भरोसा करते हुए निवेशक ने मार्किट से उच्चे दामों पर अपने आवेदन उस पोर्टल पर कराये जहा पर हमको मालूम चला है की एक 5 मिनिट के आवेदन के लिए कई शहरों में तो कई बुरे हालत थे की कंप्यूटर कैफ़े सेण्टर पर लाइन तक लग रही थी और वो भी केवल सहारा इंडिया के भुगतान के लिए क्लेम करने हेतु।




पैसा देने की वजह सहकारिता मंत्रालय ने फिर दे दिया धोखा

जिन सहारा निवेशकों ने अपने पैसे को लेकर सहारा रिफंड पोर्टल पर आवेदन किया था उनको पोर्टल द्वारा बताया गया था कि अब उनको केवल 45 दिन का इंतजार करना है जिसमें सहारा इंडिया की क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी पहले निवेशकों के डाटा की जांच करेगी जिसके उपरांत भुगतान 45 दिन के अंदर उनके बैंक खातों में भेज दिया जाएगा। निवेशको ने अपने भुगतान के लिए करीब 90 दिन तक इंतजार किया परंतु किसी भी निवेशक के खाते में ₹10000 तक की राशि भी नहीं पहुंची इसके बाद निवेशक काफी ज्यादा गुस्से की स्थिति में था और आज भी निवेशक अपने पैसे के इंतजार के लिए डर-डर की ठोकर खाकर फिर रहा है।

अगर सहारा के निवेशक को पैसा लौटाना ही नहीं था तो देश के राज्य एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आखिर क्यों निवेशकों को उनका पैसा मिलने के सपने दिखाए, आखिर क्यों निवेशकों से झूठे वादे किए गए, यह केवल मोदी सरकार की एकवादाखिलाफी को साबित करता है, अब इस मामले को लेकर देश की संसद में भी सांसद सवाल कर रहे हैं तो मोदी सरकार उनको सहारा रिफंड पोर्टल का जवाब दे रही है जबकि सहारा रिफंड पोर्टल की सच्चाई तो यह है कि एक भी निवेशक को आज तक उसका पैसा वापस नहीं मिल सका है और देश की मोदी सरकार न केवल इस देश के सांसदों के साथ में खिलवाड़ कर रही है बल्कि देश की आम जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है और बड़े-बड़े मीडिया हाउस जो कि इन सरकारों से पैसे लेकर अपने कार्य को चलाते हैं वह भी केवल सरकार की वाह वाही बटोरते हुए दीखते है क्योकि उनकी रोजी रोटी सरकार के टुकड़ो पर ही चलती है परंतु हम एक स्वतंत्र लोकतंत्र के चौथे स्थंभ है जो सच्चाई दिखाते है तभी आज हम सच्चाई बयान कर रहे है।




आपको यह जानकर बेहद दुख होगा कि जिन निवेशकों ने अपने आवेदनों को सहारा इंडिया रिफंड पोर्टल पर दर्ज किया था उनकोजो जवाब उस पोर्टल की ओर से बताए गए हैं उसमें सबसे बुरा जवाब तो यह है कि आप सहारा सहकारी समिति के मेंबर ही नहीं है जबकि निवेशक अपने सारे सबूत देने के लिए तैयार है वहीं कई लोगों को तो यहां तक मैसेज आया है कि आप सोसाइटी में 1 से ज्यादा सदस्यता लेकर रखी है तो वह निवेशक या अभिकर्ता की गलती है बल्कि वह सहारा की गलती है क्योंकि सहारा ग्रुप अपने निवेशक बढ़ाने के लिए एक से अधिक सदस्यताओं पर रसीदे काटा करता था वहीं जो कार्रवाई सहारा पर की जानी थी वह निवेशकों को दिखाकर उन से कौन सा भला कराना यह सरकार चाहती है वह हमारे समझ के तो बाहर है।




दिल्ली में पिछले 4 दिनों से चल रहा आंदोलन

सहारा इंडिया के खिलाफ दिल्ली में पिछले चार दिनों से आंदोलन चल रहा है आपको बता दे की सहारा इंडिया के निवेशको ने पहले भी कई सारे आंदोलन कर रखे हैं और अपने भुगतान को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं वहीं यह आंदोलन संयुक्त ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के बैनर तले दिल्ली में किये जा रहे हैं जहां पर निवेशक उग्र है और कह रहे हैं कि अगर हमें भुगतान नहीं दे सकते हो तो हमें गोली मार दो परंतु हम हमारा पैसा हर कीमत में अमित शाह और सहकारिता मंत्रालय से लेकर रहेंगे वहीं संगठन के राष्ट्रीय महासचिव सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष से हमारे पत्रकार महोदय ने बातचीत की है तो चलिए बताते हैं कि उन लोगों ने हमको क्या बताया।

सहारा इंडिया के खिलाफ हमारा संगठन पिछले चार दिनों से आंदोलन कर रहा है पहले दिन हमने दिल्ली के जंतर मंतर पर अपना आंदोलन किया था परंतु हमारे कई साथी उस दिन आंदोलन में नहीं पहुंच पाए, इसके बाद हमने हमारे आंदोलन को दूसरे दिन भी जारी रखा इसके बाद दूसरे दिन हमारे साथ कई अभद्र व्यवहार दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए जिसमें मुख्य रूप से हमारे कई संगठन के बुजुर्ग लोगों को दिल्ली पुलिस के जवानों ने मारा पीटा एवं वहीं कई लोगों को इस आंदोलन में हार्ट अटैक जैसी बीमारियां भी देखने को मिली है। इसी के साथ तीसरे दिन हम लोग रामलीला मैदान पर सभी लोग एकत्रित होकर शांतिपूर्वक बैठे हुए थे वहां भी हमको दिल्ली पुलिस ने काफी ज्यादा तंग एवं परेशान किया इसके बाद आज चौथे दिन हमने देश की संसद पर अपने पैसे की मांग की हम लोग हमारे ओरिजिनल बांड सर्टिफिकेट लेकर अपने पैसे को सहकारिता मंत्री अमित शाह सहित बीएल वर्मा जी से मांगने गए थे जहां पर हम शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे परंतु दिल्ली पुलिस ने हमारे आंदोलन को उग्र बताते हुए हमारे साथ अभद्र व्यवहार किया।

इसी के साथ कई महिलाओं के साथ मारपीट भी की गई और हम लोगों को उन्होंने 30 दिसंबर 2023 की दोपहर 2 बजे गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद हम लोगों को रात्रि 8:00 पुलिस द्वारा मार्ग से करीब 60 किलोमीटर दूर उतारा गया वहीं हमारे कई साथियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए देश की मोदी सरकार भरपूर प्रयास कर रही है परंतु यहां हम रूखेंगे नहीं थकेंगे नहीं हमारा प्रयास हर पीड़ित सहारा जमाकर्ता एवं एजेंट को उसका भुगतान दिलाना है इसकी सुनिश्चितता हम जरूर से जरूर तय करा कर ही अपने घर लौटेंगे : अभय देव शुक्ल, प्रेजिडेंट, सयुक्त आई इंडिया संघर्ष न्याय मोर्चा




हमारे कई साथियों के साथ में काफी ज्यादा दिल्ली पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया है इसी के साथ महिलाओं के साथ भी जिस तरीके की हाथापाई दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही है वह सही में काफी ज्यादा निंदनीय है बहीं सहारा प्रमुख सुब्रत राय को जिस तरीके से मोदी सरकार ने जीवन भर बचाया है उसको कभी भी गरीब जमाकर्ता भूल नहीं सकेगा वही सहारा इंडिया पर काफी ज्यादा पैसा है आपको बता दे कि अभी 2 दिन पहले सहारा इंडिया के खिलाफ उनके लखनऊ स्थित ऑफिस पर बैन लगाया गया तो सहारा ने हाल में ही दो करोड रुपए की राशि जारी कर दी यहां हम हमारा 20 से 25 लख रुपए मांग रहे हैं तो वह देने के लिए सहारा तैयार नहीं है परंतु लीगल लड़ाई लड़नी हो या फिर और कुछ करना हो उसमें सहारा करोड़ों रुपए बर्बाद करने के लिए तैयार है परंतु अपने निवेशक को पैसा देने के लिए सहारा की बुरी स्थिति बता दी जाती है ऐसी स्थिति में हम आंदोलन करेंगे करकर रहेंगे और सरकार और न्यायालय से हम लोग बिल्कुल भी डरने वाले नहीं है क्योंकि इस देश के संविधान ने हमको हमारा मौलिक अधिकार दिया है कि हम अपनी अधिकार के लिए लड़ सकते हैं और हम लड़का ही अपना पैसा सरकार से वापस लेकर रहेंगे : नीरज कुमार शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव, संयुक्त ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा

VIDEO FOTAGE FROM DELHI BY NEWS DUNIYA NEERAJ SHARMA / YT



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